Vikrant

33%
Flag icon
ऐसे असाधारण कांड पर गाँव में जो कुछ हलचल मचना चाहिए था, वह मचा और महीनों तक मचता रहा । झुनिया के दोनों भाई लाठियाँ लिये गोबर को खोजते फिरते थें । भोला ने क़सम खायी कि अब न झुनिया का मुँह देखेंगे और न इस गाँव का । होरी से उन्होंने अपनी सगाई की जो बातचीत की थी, वह अब टूट गयी थी । अब वह अपनी गाय के दाम लेंगे और नक़द और इसमें विलंब हुआ तो होरी पर दावा करके उसका घर-दवार नीलाम करा लेंगे । गाँववालों ने होरी को जाति-बाहर कर दिया । कोई उसका हुक़्क़ा नहीं पीता, न उसके घर का पानी पीता है । पानी बंद कर देने की कुछ बातचीत थी; लेकिन धनिया का चंडी-रूप सब देख चुके थे; इसलिये किसी की आगे आने की हिम्मत न पड़ी
Vikrant
Hukka paani band
गोदान [Godan]
Rate this book
Clear rating