Mahesh Bhatt

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मैं किसी रमणी को प्रसन्न नहीं रख सकता। मुझसे कोई स्त्री प्रेम का स्वाँग नहीं कर सकती। मैं इसके अंतस्तल तक पहुँच जाऊँगा। फिर मुझे उससे अरुचि हो जायगी।
गोदान [Godan]
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