Amit Kumar

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जब हम नेकी करके उसका एहसान जताने लगते हैं, तो वही जिसके साथ हमने नेकी की थी, हमारा शत्रु हो जाता है, और हमारे एहसान को मिटा देना चाहता है। वही नेकी अगर करनेवालों के दिल में रहे, तो नेकी है, बाहर निकल आये तो बदी है।
गोदान [Godan]
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