Pararth Dave

79%
Flag icon
हाथों में मधु का प्याला, एक-एक से बढ़कर, सुन्दर साक़ी, ने सत्कार किया, जँची न आँखों में, पर, कोई पहली-जैसी मधुशाला ! 109
मधुशाला
Rate this book
Clear rating