Shashank

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हिम श्रेणी अंगूर लता-सी फैली, हिम जल है हाला चंचल नदियाँ साक़ी बनकर, भरकर लहरों का प्याला कोमल कूल-करों में अपने छलकातीं निशिदिन चलतीं; पीकर खेत खड़े लहराते, भारत पावन मधुशाला
मधुशाला
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