Shashank

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सूर्य बने मधु का विक्रेता, सिंधु बने घट, जल हाला, बादल बन-बन आए साक़ी, भूमि बने मधु का प्याला, झड़ी लगाकर बरसे मदिरा रिमझिम, रिमझिम, रिमझिम कर, बेली, विटप, तृण बन मैं पीऊँ, वर्षा ऋतु हो मधुशाला| 30
मधुशाला
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