Shashank

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जितनी दिल की गहराई हो उतना गहरा है प्याला; जितनी मन की मादकता हो उतनी मादक है हाला; जितनी उर की भावुकता हो उतना सुन्दर साक़ी है, जितना ही जो रसिक, उसे है उतनी रसमय मधुशाला |
मधुशाला
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