Shashank

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पितृ पक्ष में पुत्र, उठाना अर्ध्य न कर में, पर प्याला, बैठ कहीं पर जाना गंगा- सागर में भरकर हाला; किसी जगह की मिट्टी भीगे, तृप्ति मुझे मिल जाएगी तर्पण अर्पण करना मुझको पढ़-पढ़ करक ‘मधुशाला’ |
मधुशाला
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