Nishant Gupta

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पाप अगर पीना, समदोषी तो तीनों—साक़ी बाला, नित्य पिलानेवाला प्याला, पी जानेवाली हाला; साथ इन्हें भी ले चल मेरे न्याय यही बतलाता है, क़ैद जहाँ मैं हूँ, की जाए क़ैद वहीं पर मधुशाला
मधुशाला
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