सारी दीवारों पर कुछ न कुछ लिख दिया गया था। हर स्टेटस के साथ कमेंट भरा था। घोड़े पर सवार वह उगते सूरज की रौशनी से निकला चला आ रहा था। मानसिक अवसादों से घिरे इस शहर में हर लाइक डिसलाइक की तरह उदास लग रही थी। घोड़े की टाप तस्वीरों पर पड़ती जा रही थी। बाग़ों से लेकर बाँहों में पसरे लोगों की तस्वीरें। घुड़सवार। ख़ामोश ज़ुबानों के इस शहर में शब्दों की मौत का ऐलान पढ़ता जा रहा था। सारे शब्द स्टेटस की दीवारों पर मार कर लटकाए जा रहे थे। कैमरे के क्लोज़-अप में घुड़सवार की आँखें क्रूर लग रही थीं। शब्दों की लाश से बिछ गया है ये शहर। कोई ऐसी बात नहीं जो कही न गई हो। कोई ऐसी लाश नहीं जिस पर शब्दों की काठ न लदी
...more