Sapna

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मैं मिट्टी को देखता रहा। वह इस वक्त एक विकृत आकार में थी। मैं अपने भीतर की विकृति उसमें देख सकता था। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं। कुछ देर मिट्टी को छुआ पर मन अस्थिर था। वह भाग रहा था।
ठीक तुम्हारे पीछे [Theek Tumhare Peechhe]
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