Nishant

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आघात ऐसा कठोर था कि हृदय और मस्तिष्क की सम्पूर्ण शक्तियाँ सम्पूर्ण विचार और सम्पूर्ण भार उसी ओर आकर्षित हो गये थे । नदी में जब कगार का कोई वृहत् खण्ड कटकर गिरता है, तो आस-पास का जल-समूह चारों ओर से उसी स्थान को पूरा करने के लिए दौड़ता है।
बूढी काकी
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