Nishant

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थाल को जमीन पर पटक दिया और जिस प्रकार निर्दय महाजन अपने किसी बेईमान और भगोड़े कर्जदार को देखते ही झपटकर उसका टेटुआ पकड़ लेता है, उसी तरह लपककर उन्होंने बूढ़ी काकी के दोनों हाथ पकड़े और घसीटते हुए लाकर उन्हें अंधेरी कोठरी में धम से पटक दिया । बूढ़ी काकी की आशा रूपी वाटिका लू के एक ही झोंके से नष्ट-विनष्ट हो गयी ।
बूढी काकी
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