गबन
Rate it:
Read between May 25 - June 15, 2018
12%
Flag icon
द्वेष तर्क और प्रमाण नहीं सुनता।
30%
Flag icon
बहुधा हमारे जीवन पर उन्हीं के हाथों कठोरतम आघात होता है, जो हमारे सच्चे हितैषी होते हैं।
31%
Flag icon
जहां लङके और लड़कियां एक साथ शिक्षा पाते हैं, वहां यह जाति-भेद बहुत महत्व की वस्तु नहीं रह जाती,आपस में स्नेह और सहानुभूति की इतनी बातें पैदा हो जाती हैं कि कामुकता का अंश बहुत थोडारह जाता है।
33%
Flag icon
विजय बहिर्मुखी होती है, पराजय अन्तर्मुखी।
42%
Flag icon
भय के सामने मन के और सभी भाव दब जाते हैं।
52%
Flag icon
रोने से मां दूध पिलाती है, सेर अपना सिकार नहीं छोड़ता।
55%
Flag icon
आदमी पाप से नीच होता है, खाने-पीने से नीच नहीं होता। प्रेम से जो भोजन मिलता है, वह पवित्र होता है। उसे तो देवता भी खाते हैं।’
56%
Flag icon
मैत्री परिस्थितियों का विचार नहीं करती।
59%
Flag icon
खीर और मलाई की थाली क्यों न मुझे मिली, इस क्षोभ में मैंने अपनी रोटियों को लात मार दी।
62%
Flag icon
संसार के नाते सब स्वार्थ के नाते हैं।
63%
Flag icon
दमड़ी की हंडिया खोकर कुत्तों की जात तो पहचान ली जायगी,
69%
Flag icon
हंसी के बाद मन खिकै हो जाता है, आत्मा क्षुब्धा हो जाती है, मानो हम थक गए हों, पराभूत हो गए हों।
69%
Flag icon
रूदन के पश्चात एक नवीन स्फूर्ति, एक नवीन जीवन, एक नवीन उत्साह का अनुभव होता है।
85%
Flag icon
लज्जा ने सदैव वीरों को परास्त किया है। जो काल से भी नहीं डरते, वे भी लज्जा के सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं करते। आग में झुंक जाना, तलवार के सामने खड़े हो जाना, इसकी अपेक्षा कहीं सहज है।