बोला, ‘दादा, तब तो सभी काम बहुमत से होगा। अगर बहुमत कहेगा कि कर्मचारियों के वेतन घटा दिए जाएं, तो घट जाएंगे। देहातों के संगठनों के लिए भी बहुमत जितने रूपये मांगेगा, मिल जाएंगे। कुंजी बहुमत के हाथ में रहेगी, और अभी दस-पांच बरस चाहे न हो लेकिन आगे चलकर बहुमत किसानों और मजूरों ही का हो जाएगा। देवीदीन ने मुस्कराकर कहा,’

