Nishant

23%
Flag icon
मैंने पतिव्रत नहीं लिया था। कम से कम संसार मुझे ऐसा समझता था। मैं अपनी दृष्टि में अब भी वहीं हूं, किंतु संसार की दृष्टि में कुछ और हो गयी हूं।
बेटी का धन
Rate this book
Clear rating