Nishant

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कुछ देर तक वह अचेत बैठा रोता रहा। फिर उठा और उसने तलवार उठा कर जोर से अपनी छाती में चुभा ली। फिर रक्त की फुहार निकली। दोनों धाराएं मिल गयीं और उनमें कोई भेद न रहा।
बेटी का धन
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