Nishant

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काफिर वह नहीं, जो मिट्टी या पत्थर के टुकड़े में खुदा का नूर देखता है,जो नदियों और पहाड़ों में,दरख्तों पर झाड़ियों में, खुदा का जलवा पाता हो। वह हमसे और तुमसे ज्यादा खुदापरस्त हैं, जो मस्जिद में खुदा को बन्द समझते हैं।
बेटी का धन
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