बम्बई के अण्डरवल्र्ड को परिभाषित करने वाला और जोड़ने वाला अन्दरूनी तार वह एजेण्डा होता है जो उसके तमाम कृत्यों के पीछे छुपा होता है इन कृत्यों के फ़र्क़ को वही थोड़े से लोग समझ पाते हैं जिनमें तमाम परिस्थितियों के बीच यहाँ और अभी के परे सोच पाने की क़ाबिलियत होती है।