इस तरह भारत सरकार ने अण्डरवर्ल्ड के एक बहुत बड़े मगरमच्छ को अपने जाल से निकल जाने दिया। जानकार लोगों का यक़ीन है कि उसे वापस लाया जा सकता था और फिर सरकार उसके साथ किए गए सौदे से तुरन्त मुकर सकती थी। अन्त में नतीजा यही निकला कि दाऊद एक आज़ाद इंसान बना रहा और बाद में, कराची के अपने सुरक्षित महलों में बैठकर, हिन्दुस्तान पर कहर ढाता रहा।