Dharmendra Chouhan

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जेल लोगों को नज़रबन्द रखने और उन्हें यह चेताने की उम्मीद से बनी हैं कि वे भविष्य में अपराधों से दूर रहें। भारत की जेल, हालाँकि, एक ऐसे मक़सद को भी पूरा करती हैं, जो आपराधिक न्याय व्यवस्था के मक़सद से बिल्कुल उल्टा है। कभी–कभी निहायत मासूम लोग संगीन अपराधियों में बदल जाते हैं; जो ग़लती से जेल भेज दिए जाते हैं, वे जेल से एक विकृत मानसिकता लेकर यह सोचते हुए निकलते हैं कि ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का अब एक ही तरीक़ा बचा है कि और अपराध किए जाएँ। बम्बई के अपराध जगत के इतिहास में ऐसे ढेरों उदाहरण भरे पड़े हैं। राजन नायर उर्फ़ बड़ा राजन का क़िस्सा इन्हीं में से एक है।
Dongri Se Dubai Tak (Dongri to Dubai: Six Decades of the Mumbai Mafia) (Hindi)
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