मुम्बई के पुलिस चीफ़ का काम देश के तमाम पुलिस कमिश्नरों में सबसे ज़्यादा नाजुक और जोखिम भरा था। शहर के पुलिस चीफ़ को अपना पद बनाए रखने के लिए एक साथ कई बॉसों को खुश रखना होता था और अनेक शक्ति–केन्द्रों की जीहुज़ूरी करनी पड़ती थी। टिके रहने के इस रहस्य को जो समझता था वह ज़्यादा दिनों तक वहाँ पर अपने को बनाए रख पाता था, और जो तमाम लोगों के फूले हुए अहं को सन्तुष्ट नहीं कर पाता था उसे बहुत बर्बाद तरीक़े से निकल लेना होता था।