उसे लगता था कि जब तक राजन कारोबार को सँभाले हुए है, वह ख़ुद थोड़ी राहत महसूस कर सकता है और भारत की छोटी–मोटी सिनेतारिकाओं के साथ हमबिस्तर होते हुए ज़िन्दगी के मज़े ले सकता है। कुछ तो उसके साथ मजबूरी में सोती थीं, लेकिन ज़्यादातर अपनी इच्छा से ऐसा करती थीं, क्योंकि इससे वे अपने निर्माताओं और वितरकों पर रौब क़ायम कर पाती थीं। साथ