सर्वव्यापी जेनावाई दारूवाली, एकमात्र औरत जो उन दिनों माफ़िया और पुलिस के बीच की तनी हुई रस्सी पर चला करती थी। वह सोने के ज़ेवरों से लदी एक असाधारण औरत थी जिसके पास बम्बई का हर गिरोहबाज़ मशवरे के लिए जाता था। हाजी मस्तान उसे जेना बेन कहकर, और दाऊद उसे जेना मासी कहकर पुकारता था।