एक ऐसी व्यवस्था के भीतर जहाँ मुख्यमन्त्री और गृह मन्त्री एक–दूसरे से नज़रें न मिलाते हों, उसमें पुलिस के आला अफ़सरों के सिर पर हमेशा तलवार लटकती रहती है। इसकी सबसे ताज़ा बानगी डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस राकेश मारिया के रूप में पेश की गई थी। क्राइम ब्रांच में मारिया के कार्यकाल की इन्तहाई कामयाबी का दौर वह था जब उन्होंने 1993 के बम्बई धमाकों की गुत्थी सुलझाई थी। लेकिन जब उन्हें ख़ुफ़िया जानकारी मिली कि शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के परित्यक्त बेटे जयदेव के कलीना स्थित निजी चिड़ियाघर में कुछ लुप्तप्राय प्रजाति के प्राणी मौजूद हैं, और इस पर मारिया के आदमी जयदेव के घर गए, तो इस घटना के कुछ ही दिनों
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