Dharmendra Chouhan

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संयोग से, इंडियन पीनल कोड में फ़ोन टेपिंग को लेकर बहुत ज़्यादा प्रावधान मौजूद नहीं थे, अलावा टेलिग्राफ़ एक्ट ऑफ़ 1885 नामक एक सदी पुराने क़ानून के, जिसे बाद में झाड़-पोंछकर इंडियन टेलिग्राफ़ एक्ट ऑफ़ 1975 की नई शक्ल दे दी गई थी। प्रक्रिया यह थी : अगर किसी ख़ास नम्बर को टेप किया जाना है, तो सम्बन्धित अफ़सर इसके लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुरोध करेगा, जो अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर या संयुक्त पुलिस कमिश्नर में से कोई भी हो सकता था। जो इसके बाद पुलिस के मुखिया की रज़ामन्दी हासिल करेगा। फिर पुलिस कमिश्नर को इसकी मंजूरी गृह विभाग से प्राप्त करनी होगी। यह पूरी प्रक्रिया इतनी लम्बी थी कि इसमें सारा ...more
Dongri Se Dubai Tak (Dongri to Dubai: Six Decades of the Mumbai Mafia) (Hindi)
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