क़ानून को लगातार झाँसा देने के चलते मन्या के भीतर टकराव के लिए हर समय तैयार रहने की एक प्रवृत्ति घर कर चुकी थी। डोम्बीवली के निवासी बताते हैं कि वह जब बाहर निकलता था तो हथगोलों से भरा बैग लेकर चलता था, जैसे लोग प्लास्टिक के थैलों में चीकू लेकर चलते हैं। कभी भी किसी ने उसके रास्ते में आने की हिम्मत नहीं की थी। ख़ुद को एक बन्दूक, एक गँडासे, और तेज़ाब की एक बोतल से लैस किए बग़ैर वह कभी कहीं नहीं जाता था। किसी भी दूसरे गिरोहबाज़ को ऐसा करते हुए कभी नहीं देखा गया था। वह किसी पर भरोसा नहीं करता था और अपनी गतिविधियों के बारे में अपने गुर्गों तक को पूरी तरह से सूचित नहीं करता था ताकि पकड़े जाने से बच
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