दाऊद बम्बई पुलिस के लिए बहुत बड़ी चीज़ बन चुका था। एक तरह से वह भस्मासुर बन चुका था- बम्बई पुलिस का अपना खड़ा किया हुआ दैत्य। पुलिस ने अपनी अदूरदर्शिता के चलते एक अपराधी को बढ़ावा दिया ताकि वह उसकी मदद से दूसरे अपराधियों से निपट सके। उसका ख़याल था कि आख़िर में ढेर सारे अपराधियों से निपटने की बजाय इस एक अपराधी से निपटना आसान हो जाएगा। दाऊद चूँकि उनका गुर्गा, उनके हाथ की कठपुतली होगा, इसलिए वह उनके क़ाबू में रहेगा, ऐसा उनका सोचना था।