Vivek Singh

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संसार में कोई भी, यहां तक की ईश्वर भी, हमें यह नहीं बता सकता कि हमारा कर्तव्य क्या है। केवल हमारी आत्मा बता सकती है। हमें बस मौन की भाषा के समक्ष समर्पण करना होगा और अपनी आत्मा की आवाज को सुनना होगा।
The Oath Of The Vayuputras (Hindi)
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