Mansarovar - Part 1 (Hindi) (Hindi Edition)
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Read between July 23 - August 30, 2024
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बच्चों के लिए बाप एक फालतू-सी चीज - एक विलास की वस्तु है, जैसे घोड़े के लिए चने या बाबुओं के लिए मोहनभोग। माँ रोटी-दाल है। मोहनभोग उम्र-भर न मिले तो किसका नुकसान है; मगर एक दिन रोटी-दाल के दर्शन न हों, तो फिर देखिए, क्या हाल होता है।
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उनकी वह रत्नजटित, बिजली से जगमगाती मूर्ति देखकर मेरे मन में ग्लानि उत्पन्न हुई। इस रुप में भी प्रेम का निवास हो सकता है? मैंने तो रत्नों में दर्प और अहंकार ही भरा देखा है। मुझे उस वक्त यही याद न रही, कि यह एक करोड़पति सेठ का मंदिर है और धनी मनुष्य धन में लोटने वाले ईश्वर की ही कल्पना कर सकता है। धनी ईश्वर में ही उसकी श्रद्धा हो सकती है। जिसके पास धन नहीं, वह उसकी दया का पात्र हो सकता है, श्रद्धा का कदापि नहीं।
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मन की प्रसन्नता व्यवहार में उदारता बन जाती है।
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चिडिय़ा का पर खोलकर यह आशा करना कि वह तुम्हारे आँगन में ही फुदकती रहेगी भ्रम है।
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अपने पड़ोसियों की निंदा सनातन से मनुष्य के लिए मनोरंजन का विषय रही है और जुगनू के पास इसका काफी सामान था।