अमन की आँखों के सामने उसकी माँ की हत्या कर दी गई थी और के दबंग नेता के प्रभाव से खुद उसी पर हत्या का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया गया था।
उसके दिल में बदले का ज्वालामुखी धधक रहा था और वो दुश्मनों को फना कर देना चाहता था। अपनी इसी चाह में वो भयानक प्रेतों के जाल में फँस गया था और फिर शुरू हो गया था- खौफनाक दिल दहला देने वाली घटनाओं का अनवरत सिलसिला। कदम-कदम पर उसके होश उड़ रहे थे।
उपन्यास ने मेरा भरपूर मनोरंजन किया। थोड़ी बहुत कमी है लेकिन इतनी बड़ी नहीं है कि उससे मनोरंजन में कुछ फर्क पड़े। उपन्यास का अंत ऐसे मोड़ पर होता है जो पाठक के मन में कई प्रश्न छोड़ देता है। मैं इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए इच्छुक हूँ तो मैं अगला भाग ढूँढकर पढ़ने की कोशिश करूँगा। यह उपन्यास तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत, तांत्रिक, काली शक्तियाँ इत्यादी के चारो तरफ घूमता है। आपको यह सब पढ़ने में मजा आता है तो आपको पसंद आएगा। उपन्यास के प्रति विस्तृत राय निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं: रंग महल के प्रेत