"विजय धनुष एक रोमांच से भरा उपन्यास है। कहानी का नायक योगेश दिल्ली से मुंबई आता हैं। वह फिल्म में अभिनय करने के सपने के साथ मुंबई में कदम रखता हैं। पर यहां उसके सारे पैसे चोरी हो जाते है। वह मन में एक देवता से जुड़ा है जो की सनी देवल कि आवाज में बाते करता है। वही उसे बताता है की उसे ईश्वर के कार्य के लिए चुना गया है। मुंबई में योगेश कई कई दिन भूखा रह कर दिन काटता हैं। वह वहां से दिल्ली वापस भी नही जा पाता है। पर फिर उसे सनी के द्वारा पता चलता है कि उसे जीवन में दानवों से युद्ध करना हैं। मुंबई में वह विजय धनुष और कई दिव्यास्त्र प्राप्त करता हैं। सनी उसे एक योद्धा बनाता हैं। वही उसे दानवों के बारे में बताता हैं। ये दानव मुंबई में वृक्षों के रूप में एक हजार साल से रह रहे है। सनी उसे जलपरी लोक के दानव&
पुस्तक "विजय धनुष एक साधारण मनुष्य की शक्ति गाथा" योगेश जी द्वारा लिखी गई है।पुस्तक REDGRAB BOOKS से प्रकाशित है, और एक बेहतरीन कहानी और रोमांच से भरा उपन्यास है जो 2 से 3 बैठक में आराम से पूरी की जा सकती है। कहानी का नायक योगेश दिल्ली से मुंबई सनी देओल के कहने पर हीरो बनने के लिए आता है । यहां आते ही उसे दो लोग मिलते है जो उसे काम दिलवाने का वादा करते है और बाद में उसका बैग चुरा ले जाते है बैग में जरूरत के समान के साथ साथ पैसे भी रखे थे जो उसकी मां ने उसे मुंबई में रहने को दिए थे। मुंबई में योगेश का कोई सहारा नहीं था और सनी भी अब न उससे बातें करता न कुछ सुझाव देता योगेश यहां एक दम अकेला पड़ चुका था घर जाना चाहता था पर जाने तक को पैसे नही बचे थे उसके पास, वो कई कई दिनों तक भूखे पेट बस पानी पी कर गुजार दिया करता था, कई दिन बीत जाने के बाद उससे सनी ने बात की ओर उसे बताया की उसे ईश्वर के कार्य के लिए चुना गया है, उसे आगे चल कर दानवों से युद्ध करना हैं और साथ ही विजय धनुष , ब्रह्मास्त्र और कई दिव्यास्त्र प्राप्त करने है। सनी उसे एक योद्धा की तरह बनना शुरू करता है जिसके लिए उसे कई दिन भूखा भी रहना पर सकता है , धनुष बाण चलाने पड़ सकते है और कई तरह की शिक्षा तप जाप करना भी उसे सिखाता है साथ ही ब्रह्मास्त्र प्राप्त करने के लिए मंत्र और उसके उच्चारण करना भी सिखाता है। वही उसे दानवों के बारे में बताता हैं जो मुंबई में वृक्षों के रूप में एक हजार साल से रह रहे होते है, योगेश ने जप तप करके सनी की एक एक बात मानकर उन दानवों को तो मार दिया और साथ ही महामानव भी बन गया और कई सारे दिव्यास्त्र , विजय धनुष और ब्रह्मास्त्र भी प्राप्त कर लिए , पर अब उसकी लड़ाई दूसरी दुनिया में रह रहे तीन राक्षस से होनी थी जो अवैध रूप से जलपरी लोक पर राज्य कर रहे थे, सारी जलपरियां उनसे भयभीत रहती थी क्योंकि राक्षस उन्हें जिंदा ही खां लिया करते, 400 साल से वे स्वतंत्रता के लिए तड़प रही है पर स्वतंत्रता के बदले लगातार दुष्ट राक्षस के लिए भोजन बनी जा रही है। वे जलपरी लोक को छोड़ समुंदर में ही कहीं छुप कर महामानव का इंतजार कर रही है की कब वो आए और उन्हें आजाद कराए, महामानव की भविष्यवाणी स्वयं विष्णु जी ने की थी जैसे ही तीसरा ध्रुव तारा लाल होगा महामानव आकर उनका अंत करेगा और जलपरियो को आजाद करेगा। अब देखना ये है कैसे महामानव धरती से जलपरी लोक आएगा और कैसे राक्षस का अंत कर जलपारियो को उनका राज्य लौटाएगा, क्या योगेश यहां तक पहुंच पाएगा और पहुंच गया तो क्या इतने बड़े और शक्तिशाली राक्षस को मार पाएगा। जानने के लिए जरूर पढ़े विजय धनुष एक साधारण मनुष्य की शक्ति गाथा। धन्यवाद 🙏