"हर कोई कहता है कि इंसानी जिंदगी का कोई मकसद होना चाहिए. नीलम के बगैर मुझे क्योंकि अपनी जिंदगी का कोई मकसद नहीं दिखाई दे रहा इसलिए दो मकसद मैं अपनी जिंदगी पर थोपने जा रहा हूँ."
सुनील -वो क्या ?
विमल - एक तो आर्गनाइज्ड क्राइम की मुखालफत और दूसरी गरीब, बेसहारा, मजलूम लोगों की मदद!!!
Surender Mohan Pathak, is an author of Hindi-language crime fiction with close to 300 novels to his credit. His major characters are Crime reporter Sunil (unprecedented 122 Titles), Vimal (46 Titles) and Philosopher Detective Sudhir (22 titles). Apart from series, he has written 60+ Novels in thriller category.
सुनील और सोहल की शानदार मीटिंग, सोलंकी की प्यार भरी धमकी, रूपचंद मटका कलेक्टर वाली घटनाएं बेहद पसंद आयी. जैसा की टाइटल है तो इस किताब में सोहल को नया चेहरा मिलता है.
इस किताब में जोहरी बाजार के सुनारो के वॉल्ट पर चोरी प्लान होती है, मुझे कॉन्टेट से कोई परेशानी नहीं है लेकिन पूरा उपन्यास सिर्फ डकैती के सामान जुटाने में खत्म करदी. वैसे भी मुझे डकैती वाली कहानियाँ पसंद नहीं आती, 3 स्टार्स सिर्फ किताब में होने वाली नेचुरल घटनाओ के लिए जो भरपूर मनोरंजन करती हैं.