उन्होंने नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पंसारे के मामले में बहुत अच्छा काम किया है। वहाँ बीजेपी की सरकार है, कर्नाटक में कांग्रेस की। दोनों जगह रवैया वही है। तो समझ लीजिए कि हम पार्टियों के हिसाब से चाहे जितना बँट जाएँ, सरकारें हमारे ही ख़िलाफ़ हैं। आप चाहे महाराष्ट्र के उदाहरण से देख लीजिए या फिर कर्नाटक के उदाहरण से देख लीजिए।

