एक बार रामकृष्ण से किसी ने पूछा, ‘परमहंस, विवाह करना ठीक है या नहीं?’ उन्होंने बाइबल के हवाले से कहा था, ‘जहाँ तक संभव हो, विवाह नहीं करना चाहिए; लेकिन जलने से बेहतर है कि विवाह कर ही लिया जाए। यदि मन इस बात के लिए राजी न हो कि अकेले रहा जाए तो उसे दबाएँ नहीं, विवाह कर लें। विवाह करें, तभी उसकी निस्सारता का पता चलेगा।’ सिर्फ सुनकर पाया गया अनुभव रेडिमेड है।

