मुद्दा यह कि रामकृष्ण को सबसे पहले भैरवी ने ही अवतार कहा; लेकिन वे सदैव इस बात से भिज्ञ नहीं रह पाती थीं कि रामकृष्ण अवतार ही हैं। वैसे भी इस तरह की बातें स्मरण रखना किसी भी मनुष्य के लिए असंभव है। मनुष्य की स्मृति जितनी स्मरण के लिए जानी जाती है उतनी ही विस्मरण के लिए भी जानी जाती है। कृष्ण और अर्जुन के सख्य भाव और जबरदस्त मैत्री के बावजूद अर्जुन को सदैव यह बात ध्यान में नहीं रहती थी कि कृष्ण अवतार हैं। भगवद्गीता

