Onkar Thakur

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सच्चाई यह है कि केवल ऊँचाई ही काफी नहीं होती, सबसे अलग-थलग परिवेश से पृथक्, अपनों से कटा-बँटा, शून्य में अकेला खड़ा होना, पहाड की महानता नहीं, मजबरी है। ऊँचाई और गहराई में आकाश-पाताल की दूरी है।
चुनी हुई कविताएँ
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