Mohit

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इस शताब्दी के आरम्भ में हिन्दी के जो चार बड़े कवि हुए उन्हें छायावाद के चार स्तम्भ माना जाता है। उनमें प्रथम हैं – जयशंकर प्रसाद।
कामायनी
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