Karan Kumar

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कोहरे की रेशमी ख़ुशबू में, ख़ुशबू की तरह ही लिपटे रहें और जिस्म के सोंधे पर्दों में रूहों की तरह लहराते रहें!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
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