Karan Kumar

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वह मेरे साथ ही था दूर तक मगर इक दिन जो मुड़ के देखा तो वह दोस्त मेरे साथ न था फटी हो जेब तो कुछ सिक्के खो भी जाते हैं।
रात पश्मीने की
by Gulzar
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