Karan Kumar

79%
Flag icon
कोई क़ब्र हिले ना जागे, लोग अपने अपने जिस्मों की क़ब्रों में बस मिट्टी ओढ़े दफ़्न पड़े हैं!
रात पश्मीने की
by Gulzar
Rate this book
Clear rating