Karan Kumar

68%
Flag icon
लाख दिनों के बाद मैं जब भी तुमसे मिल कर आता हूँ पीछे पीछे आती तेरी दो आँखों की चाप सुनाई देती है। कई दिनों तक यूँ लगता है, मैं चाहे जिस राह से गुज़रूँ, देख रही होगी तू मुझको!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
Rate this book
Clear rating