Karan Kumar

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चूड़ी के टुकड़े थे, पैर में चुभते ही ख़ूँ बह निकला नंगे पाँव खेल रहा था, लड़का अपने आँगन में बाप ने कल फिर दारू पी के माँ की बाँह मरोड़ी थी
रात पश्मीने की
by Gulzar
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