A R Kushwaha

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दर-दर घूम रहा था जब मैं चिल्लाता— हाला ! हाला ! मुझे न मिलता था मदिरालय, मुझे न मिलता था प्याला; मिलन हुआ, पर नहीं मिलन-सुख लिखा हुआ था क़िस्मत में, मैं अब जमकर बैठ गया हूँ, घूम रही है मधुशाला
A R Kushwaha
Describing the present siuation of Bihar
मधुशाला
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