खंडित धर्म का विलाप – मोहित शर्मा (ज़हन)
कई सौ वर्ष पहले की बात है एक राज्य के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक मंदिर के बाहर जमावड़ा लगा था। कुछ लोगो में बहस हो रही थी की क्या आम-चीत में भगवान, देवी-देवताओं की उपमा देना ठीक है या नहीं। पुराणों, ग्रंथो में अनगिनत वृतांत, दोहे, दृश्य एवम संवाद वर्णित थे जो अनेक प्रकार के स्वभावो वाले मनुष्यों के जीवन की लगभग हर बात को समेटे हुए थे साथ ही कैसी परिस्थिति में कैसा आचरण आदर्श है यह भी बताते थे। सभी इस विषय पर वृद्ध पुजारी जी से सलाह चाहते थे। पुजारी ज...
Published on July 19, 2014 05:42