अक्टूबर में कुछ खास होता है। धूप में नर्मी, ठंड का ज़रा सा स्वाद, अचानक से चाय के बजाय कॉफ़ी पीने की इच्छा, दुर्गा पूजा और हरश्रृंगार की खुशबू... और फिर तुम्हारा जन्मदिन भी तो इसी महीने आता है।
यहीं बैठी हो, मुझसे बस थोड़ी सी दूरी पर। पलट कर देख लो मुझे तो भवें जुटा कर, तुनक कर पूछोगी, 'तुम पीछा कर रहे हो मेरा?' पर हैरानी में घुली मिली खुशी कैसे छुपा पाओगी?
तुम सच कहती थी, समंदर में तैरती शाम वाकई बेहद खूबसूरत है।
इन छह महीनों में ज्यादा नहीं बदली। वही प्लेन कुर्ता और जीन्स। टाइट पोनीटेल जिसमें तुम्...
Published on October 08, 2020 07:18