ये मेरी पसंदीदा नज़्मों में से एक है, उर्दू के नामी शायर अफ़ज़ाल अहमद सय्यद की लिखी हुई:
'शायरी मैंने ईजाद की' काग़ज़ मराकेशों ने ईजाद किया हुरूफ़ फ़ोनेशनों ने शायरी मैंने ईजाद कीक़ब्र खोदने वाले ने तंदूर ईजाद कियातंदूर पर क़ब्ज़ा करने वालों ने रोटी की पर्ची बनाईरोटी लेने वाले ने क़तार ईजाद कीऔर मिलकर गाना सीखारोटी की क़तार में जब चींटियाँ आ कर खड़ी हो गईं तो फ़ाक़ा ईजाद हो गया शहतूत बेचने वाले ने रेशम का
Published on November 02, 2019 12:38