नीव!

जैसे किसी भी इमारत की नीव बहुत ज़रूरी होती है,


उसी तरह ज़िन्दगी की नीव का सही प्रकार से निर्माण करना अत्यंक आवश्यक है.


चाहे वो सड़क पे हो रहा ट्रैफिक जाम हो,


या


किसी रिश्ते में पड़ रही दरार,


चाहे वो अपना मानसिक संतुलन खोना हो,


या


किसी पे बेवजह बरस जाना,


चाहे नाम और पैसे कमाने के चक्कर में ज़िन्दगी जीना भूल जाना हो,


या


किसी गलत रास्ते पे निकल जाना,


चाहे खुद को खुदाह से बड़ा मानना हो,


या


किसी और इंसान की इज़्ज़त ना कर पाना,


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और ये सब ना होता अगर नीव सही तरीके से रक्खी जाती,


अगर


ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समें किसी ने सही प्रकार से टेस्ट किया होता,


अगर


रिश्ते की अहमियत को हम समझते और एक दूसरे के प्रति सम्मान रखते,


अगर


किसी पे बरसने से पहले एक क्षण के लिए हम ये सोचते कि हर इंसान उस परम उत्पत्ति का ही अंश है,


अगर


ज़िन्दगी के हर उस पल के अहसास को हमें महसूस कर पाने की क्षमता होती.


इसलिए ज़रूरी ये है कि हम कैसे ये नीव रखते है : उसपे विचार करें,


ना कि उस नीव के ढंग से ना रक्खे जा पाने से उत्पन होने वाले परिणामो पर.


ये तभी तक उपयोगदायक है जब तक ये हमको उन परिस्थितियों से अवगत कराने का काम करते हैं,


ना कि उनके उपाए या उसके पीछे मौलिक कारणो पे.


इसलिए, ज़रूरी ये है कि इन विचारों के नीव पे हम ध्यान दें


और


इस ज़िन्दगी के सही मायनो को समझे.


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Published on September 06, 2019 05:39
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