मेरी माँ ने एक बात कही थी जो ज़हन में गहरी जा के अटक गयी है। उन्होंने कहा: ख़ुदा/ भगवान/ प्रकृति किसी को दुनिया में भूखा मरने के लिए नहीं भेजता है; बच्चे के साथ उसकी रोटी भी भेजी है। माँ के ज़रिये उसके खाने-पीने का इंतेज़ाम किया है।
किसी बच्चे से उसकी रोटी, दूध छीना जा रहा है तो इसमें धरती का दोष नहीं है, न ऊपर वाले की कठोरता। ये इंसान का काम है, जो ऐसे हालात पैदा कर देता है कि माँ के पास कुछ नहीं
Published on May 12, 2019 05:38