कई नाम हैं मेरे! (कहानी) - अनुभव पत्रिका मई 2019 में प्रकाशित



कल मेरा चेहरा और मेरी लिखी एक बात इंटरनेट पर वायरल हो गई। इतने सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि मुझे भी इतने लोगों ने जाना है। वायरल हुई बात बताने से पहले अपने बारे में थोड़ा बताता चलूं।
समाज के कायदे-कानून को बकवास बताने वालों को भी उन कायदों में रहकर अपने फायदे देखने पड़ते हैं। जो इन नियमों को नहीं मानते या मजबूरी में मान नहीं पाते उनकी किसी न किसी तरह से शामत पककी है। 10-12 घंटे की नौकरी, 3-4 घंटे का आना-जाना बाकी नींद, खाने के अलावा कया किया याद ही नहीं रहा। घर से दूर अजनबी शहर में पुराने या...
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Published on May 11, 2019 12:49
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